हरिशंर सिद्धान्त शास्त्री, भूतपूर्व एम.एल.ए. आपका जन्म 3 जुलाई 1918 को जयपुर में हुआ। आपके पिताजी का नाम श्री भौरीलाल जी व पितामह का नाम स्व. मुनीश्वरानन्द जी महाराज हैं। आपने मैट्रिक, वैदिक धर्म विशारद, सिद्धान्त शास्त्री की परीक्षाएं उत्तीर्ण की है। सन 1950-51 मे नगर पालिका के सदस्य, 1952 से 1962 तक लगातार दस वर्ष राजस्थान विधान सभा के सदस्य, अखिल भारतीय बैरवा महासभा के 15 वर्ष तक प्रधानमंत्री, राजस्थान हरिजन सेवक संघ के प्रान्तीय बोर्ड के आप सदस्य, राजस्थान प्रदेश दलित वर्ग संघ के प्रधानमंत्री, जयपुर टेलीफोन एडवाईजरी कमेटी के सदस्य, औद्योगिक प्रशिक्षण केन्द्र के सलेक्शन समिति के सदस्य रहे है। आप जयपुर में आर्य समाज के कर्मठ कार्यकर्ता रहे है।
आपने जबर्दस्त आन्दोलन कर जयपुर में से बेगार प्रथा को खत्म करवाया और आपने ही अथक परिश्रम कर बैरवा जाति का नाम (अण्डर सिडयूल आर्डर गर्वमेण्ट इण्डिया में 31 दिसम्बर 1956) राजस्थान और मध्यप्रदेश में अंकित करवाया। आपका अनेक सार्वजनिक हितकारी संस्थाओं में सीधा सक्रिय योगदान रहा हैं। आप सेन्ट्रल एडवाईररी बोर्ड आॅफ साल्ट भारत सरकार के सदस्य रह चूके है। आपने बैरवा जाति के सम्बन्ध में शास्त्रों का अध्ययन कर बैरवा जाति का नाम उजागर कर रोशन किया। जयपुर के प्रसिद्ध बजाज नगर को बसाने का श्रेय भी आपको ही है। आप एक अच्छे वक्ता, लेखक एंव भजनोपदेशक भी है। आपका निवास तोफखाना देश रोड जयपुर था।
निर्वाण-
दिनांक 5 दिसम्बर 1997 को इन्होन देह त्याग कर मुत्यू का आंलिगन कर जीवन से मुक्ति प्राप्त की। इनके किये गये कार्याे को सदेव याद किया जाता रहेगा।